इस्लामी केलेंडर


16 जुल॰ 2015

खजूर से इफ्तार की हिकमत

खजूर से इफ्तार की हिकमत

  खजूर से रोज़ा इफ्तार करने मे ये हिकमत है कि 

खजूर गिज़ाइयत से भरपुर फल है_____
  इस से जिस्मानी तवानाई हासिल होती है____
  खजुर ताज़ा खुन पैदा करती है______
● कमज़ोरी
● थकावट
● कमर दर्द
● पठ्ठो का दर्द
● हाथ पांव सुन होने
● कफ
वगैरह के लिए मुफीद गिज़ा है

हज़रत अनस रदीअल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि____
रसूलअल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम मगरिब की नमाज़ से पहले चंद तर खजुरो से रोज़ा इफ्तार फरमाते थे_________
अगर तर खजुरे वक्त पर ना मिलती तो सुखी खजुरो ( छुहारो ) से इफ्तार फरमाते थे_____
ओर अगर खजुरे भी ना होती तो चंद घुट पानी पी लेते थे___
तीरमीज़ी शरीफ
  

 आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के इस अमल को अगर साइंस की निगाह से देखा जाए तो मालूम होता है की_____
जब हम खजुर से रोज़ा इफ्तार करते है तो उसकी मिठास मुह के थुक मे मील कर ग्लुकोज मे बदल जाती है_____
जिस से जिस्म मे हरारत और तवानाई हासिल होती है
और
इस का उलटा अगर हम तली हुई चटखारेदार चीजे इस्तेमाल की जाए तो इस से पेट मे तेजाबीयत की वजह से सिने मे जलन और बार बार प्यास लगती है______
  खजुर खाने से
● दिमागी कमजोरी दूर होती है
● याददाश्त बढती है
● दिल मे ताकत पैदा होती है
● खुन की कमी दुर होती है
● गुरदे मजबुत होते है
● दमा मे फायदा होता है
अरबो मे कहावत है कि 

साल मे जितने दिन होते है 
इतने ही खजुर के इस्तेमाल के फायदे है______

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 इस्लाम की ऐसी ही प्यारी - प्यारी बातें जानने के लिए 
इस वेबसाइट से कनेक्ट रहिये.जझाकल्लाह


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