इस्लामी केलेंडर


4 अक्टू॰ 2014

शिर्फ़ एक माह में हाफ़िज़े कुरआन

  शिर्फ़ एक माह में हाफ़िज़े कुरआन  



जनाब सय्यद अय्यूब अली साहब का बयान है के एक रोज़ आला हजरत इमामे अहले सुन्नत मौलाना शाह अहमद रज़ा खान रह्मतुल्लाही तआला अलय्ही ने इरशाद फ़रमाया की बाज़ ना-वाकिफ हजरात मेरे नाम के आगे हाफ़िज़ लिख दिया करते थे,हालांके मैं इसका अहल नहीं हूँ, सय्यद अय्यूब अली साहब फरमाते हैं की आला हजरत ने उसी रोज़ से दौर  शुरू कर दिया,जिसका वक्त गालिबन ईशा का वुजू फरमाने के बाद से जमाअत काइम होने तक मखसूस था, रोजाना एक पारह याद फरमा लिया करते थे, यहाँ तक की तीसवें रोज़ तीसवां पारह  याद फरमा लिया, एक मौके पर फ़रमाया की मैंने कलामे पाक बिलतरतीब ब-कोशिश याद कर लिया और यह इसलिए की उन बनद्गाने खुदा का (जो मेरे नाम के आगे हाफ़िज़ लिख दिया करते हैं) कहना गलत साबित न हों. (ब-हवाला:-हयाते आला हज़रत)
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
 इस्लाम की ऐसी ही प्यारी - प्यारी बातें जानने के लिए 
इस वेबसाइट से कनेक्ट रहिये.जझाकल्लाह

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें

आपके मशवरों का हमें बेसब्री से इंतज़ार है.बराए करम अपना मशवरा दीजिये

 
Template by YakubRaza_A from Madina Doaago by YakubRaza_A | website - Islamic Photo | Deenkibaten |