रबीउल गौस ( ग्यारहवीं शरीफ के महीने की ) की ग्यारहवीं रात
(१०वे चाँद के बाद आने वाली रात) जिसे बड़ी रात भी कहा जाता है,
गौसे पाक
رضي الله عنه के ११ नाम मुबारक पढ़ें
(अव्वल-आखिर ११-११ बार दुरुदे पाक पढ़ें)
ग्यारह खजूर पर दम करके उसी रात खालें.
इंशाअल्लाह सारा साल मुशिबतों से हिफाज़त होगी.
ग्यारह नाम मुबारक यह हैं.
(१) या शैख़ मुह्युद्दीन
(२) या सय्यद मुह्युद्दीन
(३) या मव्लाना मुह्युद्दीन
(४) या मखदूम मुह्युद्दीन
(५) या दरवेस मुह्युद्दीन
(६) याख्वाजा मुह्युद्दीन
(७) या सुल्तान मुह्युद्दीन
(८) या शाह मुह्युद्दीन
(९) या गॉस मुह्युद्दीन
(१०) या क़ुतुब मुह्युद्दीन
(११) सय्यिदस्सादात अब्दुल कादिर मुह्युद्दीन
(नोट: एक से ज्यादा को खिलाना है तो सबके लिए
अलग-अलग ग्यारह-ग्यारह खजूर लें)
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